रायपुर : छत्तीसगढ़ में नदियों के किनारे लगाए जाएंगे दस करोड़ पौधे : डॉ. रमन सिंह : नदियों और जल स्त्रोतों के संवर्धन और संरक्षण के लिए राज्य शासन और ईशा फाउंडेशन के बीच एमओयू पर हुए हस्ताक्षर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में नदियों के दोनों किनारों पर एक किलोमीटर के दायरे में सघन वृक्षारोपण किया जाएगा। इसके लिए दस करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। नदियों को बचाने के महा अभियान में छत्तीसगढ़ की भी सक्रिय भागीदारी होगी। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह आज अपरान्ह यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में छत्तीसगढ़ में नदियों और जल स्त्रोतों के संवर्धन और संरक्षण के लिए राज्य सरकार के जल संसाधन विभाग और ईशा फाउंडेशन के बीच परस्पर सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर के लिए आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरू श्री जग्गी वासुदेव भी इस अवसर पर उपस्थित थे। इस समझौते के अनुसार नदियों और जल स्त्रोतों के किनारे वृहद पैमाने पर वृक्षारोपण किया जाएगा और कृषि वानिकी तथा उद्यानिकी की गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। जिससे नदियांे और जल स्त्रोतों में साल भर पानी उपलब्ध रहे। ईशा फाउंडेशन द्वारा इस कार्य में तकनीकी मार्गदर्शन दिया जाएगा। एमओयू पर राज्य शासन की ओर से जलसंसाधन विभाग के सचिव श्री सोनमणि बोरा और ईशा फाउंडेशन की ओर से उनकी प्रतिनिधि सुश्री मोमिता सेन सर्मा ने हस्ताक्षर किए। मुख्यमंत्री डॉ. ंिसंह ने सद्गुरु श्री जग्गी वासुदेव का छत्तीसगढ़ में स्वागत करते हुए कहा कि आध्यात्मिक गुरु श्री वासुदेव देश और दुनिया में नदियों और प्रकृति को बचाने के लिए महाअभियान चला रहे हैं। छत्तीसगढ़ को इस अभियान से जुड़ने का मौका मिला। नदियों को बचाने के महाभियान में छत्तीसगढ़ की भी सक्रिय भागीदारी होगी। उन्होंने कहा कि आज प्रकृति का संतुलन बनाये रखना बहुत आवश्यक है। छत्तीसगढ़ में दस करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रदेश की प्रमुख नदियों महानदी, शिवनाथ, अरपा और पैरी के जल संग्रहण क्षेत्रों और इन नदियों के किनारे वृक्षारोपण किया जा रहा है। ईशा फाउंडेशन के मार्गदर्शन में यह काम तेजी से आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि नदियों के किनारे उपलब्ध जमीन पर एक किलोमीटर के दायरे वृहद वृक्षारोपण अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस कार्य में वन विभाग, कृषि एवं उद्यानिकी, राजस्व, पर्यावरण और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का सहयोग लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने सद्गुरु श्री जग्गी वासुदेव को बस्तर दशहरे में राज्य अतिथि के रुप में शामिल होने का आमंत्रण भी दिया। कृषि एवं जलसंसाधन मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, वनमंत्री श्री महेश गागड़ा, मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड, अपर मुख्य सचिव कृषि श्री अजय सिंह, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री अमन कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, जल संसाधन विभाग के सचिव श्री सोनमणि बोरा, सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे। कृषि एवं जलसंसाधन मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ में नदियों को पूजने की परंपरा है, नदियों को माता का स्वरुप माना जाता है। हमारी संस्कृति नदियों के तट पर पल्लवित हुई है। छत्तीसगढ़ भी नदियों को बचाने के इस अभियान में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाएगा। सद्गुरु श्री जग्गी वासुदेव ने इस अवसर पर कहा कि नदियों और जल स्त्रोतों के संरक्षण और संवर्धन के कार्य में छत्तीसगढ़ देश के लिए मॉडल राज्य बन सकता है। नदियों को बचाने के लिए उनके किनारों पर एक किलोमीटर में सद्यन वृक्षारोपण करना होगा। उन्होंने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि भारत में सर्वाधिक जैव विविधता है, जिसे हमें बचाना होगा। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि आने वाली पीढ़ियों को बारहमासी नदियों और हरा-भरा पर्यावरण उपलब्ध हो। मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने छत्तीसगढ़ में वृक्षारोपण अभियान और जल संवर्धन और संरक्षण के कार्यों की जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन जलसंसाधन विभाग के सचिव श्री सोनमणि बोरा ने किया। उन्होंने बताया कि एमओयू के अनुसार प्रदेश की नदियों और जल संरचनाओं के निकट बसे ग्रामीणों को जागरूक करके इस कार्य में उनकी सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। ग्रामीणों को नदियों और जल स्त्रोंतों को स्वच्छ रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। किसानों और युवाओं के सहयोग से व्यापक जनजागरण कार्यक्रम भी चलाया जाएगा। जल संसाधन विभाग को इसके लिए नोडल विभाग बनाया गया है।
Isha Foundation's rally for rivers reaches CG-Narayan Sharma, Amir Hashmi On Sadhna News(RK Gandhi) - YouTube | |
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News & Politics | Upload TimePublished on 28 Nov 2017 |
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